*कोरोना से जंग में इफको ने दिया 1500 मास्क का सहयोग*
*रायपुर।* सहकारी क्षेत्र में एशिया की सबसे बड़ी फर्टीलाइजर निर्माता इफको द्वारा कोरोना वायरस से लोगों के बचाव के लिए अनेक उपाय किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज भारतीय राष्ट्रीय सहकारी आवास संघ अध्यक्ष व रायपुर विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा के माध्यम से 1500 मास्क का वितरण किया गया। छग राज्य सहकारी संघ अध्यक्ष झुनमुन गुप्ता की उपस्थिति में मास्क प्रदान करते हुए इफको के राज्य विपणन प्रबंधक शैलेन्द्र चौहान ने कहा कि किसानों व सहकारी क्षेत्र में कार्य करने में इफको का हमेशा योगदान रहता है। इसके पूर्व भी बड़ी संख्या में इफको द्वारा मास्क, सेनेटाइजर का वितरण किया गया है। खास बात यह है कि यह मास्क भी सहकारी क्षेत्र की छ.ग. राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ द्वारा ही निर्मित है।
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प्रदेश के सेवा सहकारी समिति संचालकों का भत्ता होगा दोगुना
पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा गठित कमेटी ने दी रिपोर्ट
इस निर्णय से सेवा सहकारी समिति संचालकों में बढ़ेगी सक्रियता -झुनमुन गुप्ता
बालोद जिला सहकारी संघ की आमसभा में उठी थी मांग
बालोद। प्रदेश भर की प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों के संचालकों का बैठक व यात्रा भत्ता दोगुना से भी ज्यादा होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। वर्तमान में पैक्स लेम्पस सेवा सहकारी समितियों के संचालकों को मिलने वाला बैठक व यात्रा भत्ता 80 रु. से बढ़ाकर 170 रु. तक करने की सिफारिश पंजीयक सहकारी संस्थाएं छग रायपुर द्वारा गठित कमेटी द्वारा कर दी गई है। बालोद जिला सहकारी संघ मर्यादित बालोद की 30 सितंबर 2019 को आयोजित आमसभा में सेवा सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों ने भत्ता बढ़ाने की मांग किया था। बैठक में उपस्थित भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ नई दिल्ली शासी परिषद सदस्य व रायपुर विधायक सत्यनारायण शर्मा और छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ व बालोद जिला सहकारी संघ के अध्यक्ष झुनमुन गुप्ता ने भी इस मांग को उचित बताते हुए सहमति दिया था।
बालोद जिला सहकारी संघ द्वारा आमसभा के निर्णय के साथ उक्त आशय की मांग पंजीयक सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़ रायपुर से की गई थी। पंजीयक इस विषय पर विचार करने के लिए 13 जनवरी को संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर संदीप गुप्ता की अध्यक्षता में 4 सदस्य कमेटी का गठन किया था जिसमें बालोद जिला सहकारी संघ के अध्यक्ष झुनमुन गुप्ता, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ के एमडी एनआरके चंद्रवंशी व दुर्ग उप पंजीयक सुशील तिग्गा शामिल थे। आदेश के परिपालन में कमेटी द्वारा प्राथमिक बुनकर सहकारी समिति, प्राथमिक दुग्ध सहकारी समिति, लघु वनोपज सहकारी समिति जैसी छत्तीसगढ़ की विभिन्न वर्गों की प्राथमिक सहकारी समितियों में संचालक मंडल के सदस्यों को वर्तमान में प्रदाय किए जा रहे बैठक/यात्रा भत्ता की दरों का अवलोकन कर निर्णय लिया। पूर्व में पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा वर्ष 2013 में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के संचालकों का बैठक भत्ता 80 रु. निर्धारित किया गया था। वर्तमान स्थिति में 7 वर्षों के उपरांत महंगाई को दृष्टिगत रखते हुए कमेटी ने सर्वसम्मति से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कार्यक्षेत्र, समिति मुख्यालय से कार्यक्षेत्र की अधिकतम दूरी आदि को दृष्टिगत रखते हुए संचालक सदस्यों के बैठक/ यात्रा भत्ता के लिए अधिकतम 170 रु. प्रदाय किए जाने की अनुशंसा किया है।
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राज्य सहकारी संघ के सभागार से सत्यनारायण शर्मा ने किया सम्बोधित
जलवायु परिवर्तन में सहकारिताओं की भूमिका होगी महत्त्वपूर्ण
रायपुर। विश्व भर की सहकारिता ओं को एकजुटता का संदेश देने वाले अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर वेबीनार गोष्ठी का आयोजन छग राज्य सहकारी संघ सभागार में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ शाषी परिषद सदस्य व विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा के मुख्य आतिथ्य में तथा राज्य सहकारी संघ अध्यक्ष झुनमुन गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में इफको के स्टेट मार्केटिंग मेनेजर शैलेन्द्र चौहान, एनसीडीसी के रीजनल डायरेक्टर व्हीके दुबासी, राज्य सहकारी संघ के संचालक अलेक्जेंडर तीर्की व हरीश तिवारी, प्रबंध संचालक एनआके चन्द्रवंशी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्हीके शुक्ला, पेक्स व लेम्प्स कर्मचारी युनियन के प्रदेशाध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद साहू उपस्थित थे।
आदरणीय सहकारी साथीगण
सादर अभिवादन,
संपूर्ण विश्व में सहकारिता से जुड़े लोगों के सहकारी महापर्व, अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। प्रत्येक वर्ष जुलाई माह के प्रथम शनिवार को मनाया जाने वाला यह पर्व, इस वर्ष 4 जुलाई को है। अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता का यह दिवस, विश्व की सभी सहकारिताओं को अपने-अपने क्रियाकलापों का मूल्यांकन करने, एक दूसरे से संवाद स्थापित करने तथा सहकारी कार्यक्रमों के माध्यम से एक दूसरे से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। विश्व भर के सहकारी आंदोलन पर जब हम नजर डालते हैं, तो पाते हैं कि यह आंदोलन लोगों के आर्थिक उन्नयन, स्वावलंबन व सामाजिक सरोकारों के साथ-साथ पूरे ब्रह्मांड की विभिन्न परिस्थितियों की भी चिंता करता है। कुछ ऐसी ही सोच के साथ हमारे अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन ने इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस की थीम का नाम ” कोऑपरेटिव्स फॉर क्लाइमेट एक्शन ” दिया है। ” जलवायु परिवर्तन में सहकारिताओं की भूमिका ” नामक यह थीम बिल्कुल ही नए विषय पर है तथा सहकारी आंदोलन से जुड़े लोगों के लिए एक चैलेंज भी है। चैलेंज यह है कि अब तक किए गए कार्यों की लीक से हटकर नई दिशा, नई ऊर्जा व नई सोच के साथ कुछ नया करके दिखाएं और प्रत्येक क्षेत्र में सहकारी आंदोलन के महत्व को प्रतिष्ठित करने में अपना योगदान देवें।
जलवायु परिवर्तन सहकारिता से जुड़े लोगों को भी किसी न किसी रूप में प्रभावित करता है। खासकर लघु व सीमांत कृषक, महिलाओं, युवाओं व स्वदेशी उत्पादों पर प्राकृतिक बदलाव का अत्यधिक असर पड़ता है। प्राकृतिक आपदाओं से संसाधनों का काफी ह्रास होता है। वर्तमान में उत्पादन एवं उपभोग के ऐसे तरीके अपनाए जा रहे हैं जो हमारे पर्यावरण को हानि पहुंचाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के अध्यक्ष एरियल गुआर्को ने कहा कि हमें यह करके दिखाना होगा कि सामाजिक समावेश और प्राकृतिक साधनों का संरक्षण करते हुए भी, हम अपनी अर्थव्यवस्था विकसित कर सकते हैं। रासायनिक खेती से बचते हुए, जैविक खेती की ओर बढ़ते हमारे कदम इसी का उदाहरण है।
वर्तमान में दुनिया में चल रहे कोविड-19 कोरोना की महामारी में जरूरतमंद लोगों तक आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने में, उन्हें मदद करने में, सीधे आर्थिक सहयोग करने में सहकारी क्षेत्र ने जो भूमिका निभाई है, वह सहकारिता के महत्व को उजागर करता है।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस की शुरुआत वर्ष 1922 में हुई। अंतर्राष्ट्रीय सहकारी संघ के तत्कालीन अध्यक्ष जीजेडीसी गोदर्थ ने प्रत्येक क्षेत्र में सहकारिता की आवश्यकता को महसूस करते हुए यह प्रस्ताव रखा कि प्रत्येक देश में प्रचार प्रसार अभियान चलाकर, सहकारी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। विश्व भर में सहकारी आंदोलन के बारे में जानकारी प्रदान कर जागरूकता फैलाया जाए। उनके इस प्रस्ताव को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र संघ ने यह निर्णय लिया कि प्रति वर्ष जुलाई माह के प्रथम शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के रुप में मनाया जाए। इस उत्सव का उद्देश्य सहकारिता के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना तथा राष्ट्र के पूरक लक्ष्यों और उद्देश्यों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहकारी आंदोलन को प्रकाश में लाना है वैश्विक स्तर पर सहकारी अर्थव्यवस्था एक अरब से अधिक सदस्यों को एकीकृत करती है और दुनिया की 10% आबादी के लिए रोजगार पैदा करती है। 300 सबसे बड़ी सहकारी संस्थाओं का कारोबार, दुनिया की छठी अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है। आज सबसे कठिन परिस्थितियों में भी सहकारी आंदोलन, समुदायों को बचाने, उन्हें स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक आपातकाल को दूर करने में मदद करने के लिए काम कर रहा है। जो सहकारिता के मजबूत नेटवर्क को दर्शाने के लिए काफी है।
अंत में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस की एक बार फिर शुभकामनाएं देते हुए मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।
धन्यवाद
झुनमुन गुप्ता
अध्यक्ष
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ
मर्यादित छग, रायपुर