संघ का उद्देश्य

संघ का विस्तृत उद्देश्य:-
 राज्य में सहकारिता आन्दोलन के विकास और उसके हितो की रक्षा के उददेष्य से आन्दोलन के मान्य प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना।
 सहकारिता के स्वीकृत सिद्धांतो और कार्यक्रमों का प्रचार करना ताकि पूरे राज्य की समस्त सहकारी संस्थाओं द्वारा पालन किया जाये।
 विभिन्न विषयों जिनका संबंध सहकारी आन्दोलन से है, अषासकीय मत के केन्द्र बिन्दु के रूप में कार्य करना और उनका उचित क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व करना तथा आन्दोलन के विकास हेतु नितियां निर्धारित करना।
 सहकारी आन्दोलन की मान्य योजनाओं जैसे आदिवासी एवं सामान्य सदस्य षिक्षा योजनान्तर्गत विभिन्न प्रकार के सहकारी षिक्षा वर्गो का आयोजन करना सहकारी सस्था में सदस्यता वृद्धि, विभिन्न कृषि कार्यो के लिए ऋण वितरण के कार्यो को प्रोत्साहन देना राज्य की वर्तमान समितियों को तकनीकी तथा अन्य प्रकार की प्रचार-प्रसार सहायता करना व मार्गदर्षन के द्वारा सुदृढ़ करना।
 जिला संघ क्षेत्रीय समितियों और अन्य समितियों, जिनके उददेष्य राज्य संघ के समान ही है, के कार्यो में समन्वय स्थापित करना।
 सहकारी आन्दोलन के सदस्यों, भावी सदस्यों, पदाधिकारियों एवं कार्यकत्र्ताओं को आन्दोलन के सिद्धान्त, व्यवहार और नीति की षिक्षा प्रदान करना और इस दिषा में एक विषेषज्ञ संस्था के रूप में जिला सहकारी संघों का मार्गदर्षन करना तथा उनके कार्यो में समन्वय करना।
 नवीन सहकारी समितियों के पंजीयन हेतु मार्गदर्षन देकर सहायता करना, शासन के द्वारा समितियों के माध्यम से संचालित योजनाओं एंव समिति के द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों को प्रोत्साहित करना, जिससे क्षेत्र के एवं समिति से जुड़े लोंगो को व सदस्यों को लाभ के लिए प्रोत्साहित करना उनकी कठिनाईयों एंव समस्याओं को सुलझाने में सहायता करना।
 सहकारिता एवं उससे संबंधित अन्य विषयों के अध्ययन की व्यवस्था करना तथा स्वंय या अन्य संस्थाओं के सहयोग से उन पर शोध कार्य संपन्न करना या उनके निरीक्षण में अध्ययन और शोध कार्य की व्यवस्था करना।
 सहकारिता के उपलब्धियों की प्रचार की व्यवस्था करना, सहकारी षिक्षा एवं प्रचार के लिए दृष्य श्रव्य साधन करना और उपलब्ध साधनों के द्वारा जिला सहकारी संघों की सहायता करना।
 सहकारिता और उससे संबंधित विषयों पर पत्रिकाएं, पुस्तक-पुस्तिकाएं, पत्रक एवं साहित्य प्रकाषित करना तथा उन्हे वितरित करना या बेचना।
 संघ द्वारा सषक्त मुद्रणालय प्रिटिंग प्रेस स्थापित करना जिसमें संघ के प्रकाषनों और स्टेषनरी के अतिरिक्त बाहर से प्राप्त मुंद्रण का कार्य करना।
 संघ द्वारा सषक्त ग्रंथालय की स्थापना जिसमें सहकारिता और उससे संबंधित विषयों की पुस्तकों का अच्छा संग्रह हो संचालित करना, चल ग्रंथालय स्थापित करना तथा सहकारिता संबंधी पुस्तके खरीदना व बेचना।
 सहकारी आन्दोलन के विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी संघ का समर्थन करना तथा राष्ट्रीय सहकारी संघ एवं अखिल भारतीय सहकारी कांग्रेस द्वारा मनोंनीत नितियों को कार्यान्वित करना।
 ऐसे कार्य करना या ऐसे कर्तव्यों का निर्वाह करना जो राज्य सरकार या पंजीयक या राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा संघ को सौपे गये हो।
 राज्य स्तरीय सम्मेलन, परिसंवाद, बैठके आदि आयोजित करना तथा क्षेत्रीय, जिला या खण्ड स्तरीय सम्मेलन, परिसंवाद, बैठकें और प्रदर्षनियों के आयोजन में सहायता करना।
 सहकारी समितियों के कर्मचारी के लिए प्रषिक्षण केन्द्र, विद्यालय और महाविद्यालयों संचालित करना उनके लिए पाठ्यक्रम निर्धारित करना, परीक्षाये लेना तथा प्रमाण पत्र या डिप्लोमा देना।
 सहकारी एवं गैर सहकारी क्षेत्र में डिग्री डिप्लोमा व प्रमाण पत्र के पाठ्यक्रम संचालित करना फ्रेन्चायसी लेना व देना जो उपरोक्त कार्यक्रम के अन्तर्गत हो।
 इन उपनियमों में दर्षायी गई निधियों के अतिरिक्त अन्य निधियों का, जो संघ को सहकारी समितियों के अधिनियम एवं उसके अन्तर्गत बनाये गये नियमों व पंजीयक, सहकारी सहकारी समितियों छत्तीसगढ़ के द्वारा बनाये गये नियमों के अनुसार प्राप्त हो, संचालना करना।
 सहकारी क्षेत्र के लिए विज्ञापन ऐजेन्सी के रूप में कार्य करना।
 ऐसी गतिविधियों को सामान्यतः प्रारंभ करना जो उपरोक्त उददेष्य की पूर्ति में सहायक हो।
 संघ, केन्द्र एवं राज्य के विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत प्रषिक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिए नोडल ऐजेन्सी का कार्य कर सकेगी।

संघ का मुख्य उद्देश्य:-

  1. सदस्य सहकारी शिक्षा योजना :- इस योजना के अंतर्गत दो योजानाएं कार्य कर रही है | प्रथम सामान्य सहकारी शिक्षा योजना एवं दूसरी आदिवासी सहकारी शिक्षा योजना , इन दोनों योजनाओं के अंतर्गत सहकारी संस्थाओं के सदस्यों कार्यकारिणी सदस्यों एवं पदाधिकारियों को सहकारिता में शिक्षित करना है | संघ के पास इस योजना में कुल ८ इकाईया कार्यरत है |
  2. सहकारी प्रशिक्षण योजना :- संघ द्वारा संचालित सहकारी प्रशिक्षण केन्द्रों बिलासपुर एवं रायपुर में अपने वार्षिक कार्यक्रम के अंतर्गत दो प्रकार के सत्रों का नियमित एवं अल्पावधि का आयोजन करता है | नियमित सत्र १६ सप्ताह का ” सहकारी प्रबंध में पत्रोपाधि ” पाठ्यक्रम एवं १ दिवसीय से १५ दिवसीय अल्पावधि सत्रों का विभिन्न विषयों में आयोजन करता है |
  3. प्रचार -प्रसार एवं प्रकाशन : नवगठित छत्तीसगढ़ राज्य में सहकारिता आन्दोलन के विकास हेतु संघ माह अगस्त २००३ से छत्तीसगढ़ सहकारी समाचार पाक्षिक का प्रकाशन कर रही है | जिसमे सहकारी समिति से जुड़े सदस्यों एवं आम कृषको के हित में राज्य शासन एवं केंद्र शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का प्रकाशन सहकारी समाचार पत्र में कर आम लोगों तक योजनाओं की जानकारी देने का प्रयास है | प्रचार -प्रसार हेतु विभिन्न प्रकार के पाम्पलेट , फ़ोल्डर एवं पोस्टर्स का भी प्रकाशन किया जा रहा है |
  4. शोध एवं ग्रंथालय :- संघ मुख्यालय एवं सहकारी प्रशिक्षण केंद्र में ग्रंथालय संचालित है | यहाँ पर शोधार्थी छात्रों को सहकारिता के सन्दर्भ ग्रन्थ उपलब्ध कराकर आवश्यक मार्ग दर्शन दिया जाता है साथ ही विभिन्न सहकारी संस्थाओं के सम्बन्ध में भी शोध का कार्य संघ द्वारा किया जाता है |
  5. सम्मलेन :- राज्य संघ की उपविधि अनुसार संघ प्रत्येक तीन वर्ष में १ बार राज्य स्तरीय सहकारी सम्मलेन आयोजित करता हैं| जिसमे प्रदेश की समस्त राज्य स्तरीय जिला स्तरीय सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियो प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाता है | इसमें सहकारिता के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा करते है व् रिपोर्ट शासन को भेजा जाता है |

 

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