अविभाजित राजनांदगांव जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, राजनांदगांव दिनांक 27.09.1975 को दुर्ग से विभाजित हो कर अस्तित्व में आई हैं। आज यह बैंक अपनी 38 शाखाओं के साथ दो राजस्व जिला यथा राजनांदगांव एवं कबीरधाम के कार्यक्षेत्र के किसानो एवं ग्राहको की सेवा में सतत् कार्यशील है। राजस्व जिला राजनांदगांव में 25 तथा कबीरधाम में 13 शाखाएं कार्यरत है।
प्रदेश में प्रचलित त्रिस्तरीय ढ़ांचा के अन्तर्गत 135 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां इस बैंक के साथ सम्बद्ध है। इसमें से 89 राजस्व जिला राजनांदगांव तथा 46 राजस्व जिला कबीरधाम के कार्यक्षेत्र में संचालित है, इनके माध्यम से कृषको को आवश्यक कृषि ऋण एवं कृषि आदान उपलब्ध कराकर कृषको के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में महती योगदान दिया जा रहा है।
ऋण वितरण के अन्तर्गत अल्पावधि ऋण, मध्यावधि ऋण, दीर्धावधि ऋण, नगद साख ऋण, वाहन ऋण, आवास ऋण, गोदाम ऋण, नगद-साख कोलेट्रल ऋण, स्व-सहायता समूहो का बैंक लिंकेज एवं अन्य शासन प्रायोजित योजनाओ हेतु ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
बैंक द्वारा अंशपूंजी, अमानत संग्रहण, ऋण वितरण, ऋण वसूली तथां गैरनिधि व्यवसाय में उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित करने एवं सेवा के क्षेत्र में सदस्य सहकारी समितियो के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली, कृषि आदान यथा रासायनिक खाद, उन्नत बीज वितरण, तेन्दूपत्ता संग्राहको को मजदूरी और बोनस भुगतान, धान एवं गन्ना कृषको को उनके विक्रय किये गये धान/गन्ना की राशि का भुगतान और स्व सहायता समूह का गठन एवं संवर्धन के सफल कियान्वयन के कारण छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बैंक को वर्ष 2012 में सहकारिता के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान “ठा. प्यारेलाल सिंह” सम्मान से अलंकृत किया गया है।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा दी जा रही सेवाएं :-
- बैंकिंग
- लॉकर की सुविधा
- कृषि बीमा
- आरटीजीएस / एनईएफटी
- एटीएम सेवाएं
- अमानतें
- बचत खाता
- चालू खाता
- आवर्ती जमा
- सावधि जमा खाता
- ऋण सेवाएं
- कृषि ऋण – किसान क्रेडिट कार्ड
- अल्पावधि उत्पादन ऋणों की अधिकतम वितरण सीमाएँ
- आवास ऋण
- उच्च शिक्षा ऋण
- व्यक्तिगत ऋण
- स्वयं सहायता समूहों हेतु ऋण
- डेबिट कार्ड सुविधा
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